BA Semester-1 Pracheen Bhartiya Itihas - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :250
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2636
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास

प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।

अथवा
पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन के स्रोतों से अवगत कराइये।
अथवा
पुरातत्व अध्ययन के स्रोतों को कितने भागों में विभाजित किया गया? उनके लाभों से अवगत कराइये।
सम्बन्धित लघु प्रश्न
1. धार्मिक साहित्य से अवगत कराइये।
2. विदेशियों के खातों से प्राप्त पुरातत्व सामग्री से अवगत कराइये।
3. शिलालेखों से क्या आशय है?

उत्तर-

प्राचीन यूनान और रोम में अपने समय का लेखा-जोखा लिखने के लिए इतिहासकार थे। लेकिन कई विषयों पर लिखने वाले प्राचीन भारतीयों ने शायद ही कभी इतिहास लिखा हो व जो सामग्री थी वह भी नष्ट हो गयी। इस प्रकार भारत के प्राचीन अतीत को फिर से खोजना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। फिर भी जिन स्रोतों के जरिये इतिहास को समझने का प्रयास किया जाता है उन्होंने दो मुख्य समूहों में विभाजित किया गया है - वे पुरातत्व और साहित्यिक हैं। पुरातत्व को पुनः तीन समूहों में विभाजित किया जा सकता -है अर्थात् पुरातत्व, अवशेष और स्मारक, शिलालेख और सिक्के साहित्यिक स्रोतों को भी तीन समूहों में विभाजित किया जा सकता है अर्थात् धार्मिक साहित्य, धर्मनिरपेक्ष साहित्य और विदेशियों के खाते।

पुरातत्व स्रोत

यह निम्नलिखित  हैं-

(1) पुरातत्व अवशेष और स्मारक खुदाई और अन्वेषण के परिणामस्वरूप प्राप्त हुये प्राचीन खंडहर, अवशेष और स्मारक इतिहास के पुरातात्विक स्रोत हैं। पुरातात्विक अवशेषों को इसकी 'तिथियों के लिए रेडियो कार्बन विधि की वैज्ञानिक जाँच के अधीन किया जाता है। पुरातात्विक स्रोत हमें प्राचीन लोगों के जीवन का ज्ञान देते हैं। भारत प्राचीन खंडहरों, अवशेषों और स्मारकों से समृद्ध है।

कई ऐतिहासिक स्थल धरती के नीचे दबे हुए हैं। लेकिन कुछ ऐसी जगहों को सामने लाने के प्रयास निरन्तर हो रहे हैं। उदाहरण मोहनजोदड़ो और हड़प्पा की खुदाई से सिंधु घाटी सभ्यता के अस्तित्व के बारे में दुनिया को ज्ञात हुआ। तक्षशिला, पाटलिपुत्र, राजगीर, नालन्दा, सांची, सारनाथ और मथुरा में भी खुदाई की गयी है। इतिहासकारों ने पुराने स्थलों और टीलों को खोदकर और भौतिक अवशेषों की खोज करके अतीत को समझने की कोशिश की है।

(2) शिलालेख शिलालेख बहुमूल्य ऐतिहासिक तथ्यों की आपूर्ति करते हैं। अभिलेखों के अध्ययन को पुरालेख कहा जाता है। शिलालेख चट्टानों, स्तंभों, पत्थरों, स्लैब, इमारतों की दीवारों और मंदिरों के शरीर पर देखे जाते हैं। वे मुहरों और तांबे की प्लेटों पर भी पाये जाते है। हमारे पास विभिन्न प्रकार के शिलालेख हैं। भारत के सबसे पुराने शिलालेख सिन्धु घाटी सभ्यता से सम्बन्धित हड़प्पा की मुहरों पर देखे जाते हैं। भारत के सबसे प्रसिद्ध शिलालेख अशोक के विशाल शिलालेख हैं। खारवेल का हतीगुम्फा शिलालेख, समुद्रगुप्त का इलाहाबाद स्तम्भ शिलालेख, और कई अन्य चट्टान और स्तम्भ शिलालेख हैं। ऐसे स्रोतों से राजनीतिक, प्रशासनिक और धार्मिक मामले एकत्र किये जाते हैं। परन्तु हड़प्पा की मुहरें ( लगभग 2500 ईसा पूर्व) के सबसे पुराने शिलालेखों को अब तक किसी भी पुरालेखशास्त्री द्वारा नहीं पढ़ा जा सका है। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में प्राकृत भाषा के बाद के शिलालेख उत्कीर्ण किये गये थे। कुछ खरोष्ठी लिपि में दायें से बायें भी उकेरे गये थे। दूसरी शताब्दी ईस्वी में एक पुरालेख माध्यम के रूप में संस्कृत का उपयोग किया गया था, नौवीं और दसवीं शताब्दी में क्षेत्रीय भाषाओं में शिलालेख भी उत्कीर्ण किये गये थे। सिन्धु घाटी सभ्यता या हड़प्पा संस्कृति के उत्थान के लिए पुरातत्व को सूचना का मुख्य स्रोत माना जाता है। भारत के अन्य भागों से एकत्र किए गए वही पुरातात्विक साक्ष्य भारत की सबसे प्राचीन सभ्यता का चित्र देते हैं।

(3) मुद्रा संग्रहण - सिक्कों के अध्ययन को मुद्राशास्त्र कहते हैं। सिक्के ऐतिहासिक जानकारी का एक अन्य स्रोत हैं। प्राचीन सिक्के ज्यादातर सोने, चाँदी, ताँबे या सीसे के बने होते थे। कुषाण काल के सिक्कों के सांचे भी जली हुई मिट्टी से बने पाये गये हैं। कुछ सिक्कों में धार्मिक और पौराणिक प्रतीक हैं जो उस समय की संस्कृति पर प्रकाश डालते हैं। सिक्कों में राजाओं और देवताओं की आकृतियाँ भी होती हैं।

साहित्यिक स्रोत - यह निम्नलिखित हैं-

(1) धार्मिक साहित्य भारत का धार्मिक साहित्य बहुत विशाल है। इसमें वेद, उपनिषद, रामायण और महाभारत जैसे महान महाकाव्य और हिन्दुओं के पुराण शामिल हैं। ये धार्मिक विश्वासों, सामाजिक व्यवस्थाओं, लोगों के तौर-तरीकों और रीजि-रिवाजों, राजनीतिक संस्थानों और संस्कृति की स्थितियों के बारे में जानकारी की खानों की तरह हैं। जैन और बौद्धों के धार्मिक लेखन भी विशाल हैं। इनमें जातक और अंग आदि शामिल हैं। धार्मिक विषयों से निपटने के दौरान वे ऐतिहासिक व्यक्तियों और राजनीतिक घटनाओं के बारे में भी लिखते हैं।

(2) धर्म निरपेक्ष साहित्य - धर्मनिरपेक्ष या गैर-धार्मिक साहित्य कई प्रकार के होते हैं। प्राचीन भारत की कानून-पुस्तकें जिन्हें 'धर्मसूत्र' और 'स्मृति' के नाम से जाना जाता है। इसमें राजाओं, प्रशासकों और लोगों के लिए कर्त्तव्यों की संहिता होती है। इनमें सम्पत्ति के सम्बन्ध में नियम भी शामिल हैं। कौटिल्य का 'अर्थशास्त्र' एक प्रसिद्ध कृति है। यह न केवल राज्य और राजनीति की बात करता है, बल्कि सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था की भी बात करता है। पतंजलि और पाणिनी जैसे लेखकों ने, कुछ राजनीतिक घटनाओं का भी वर्णन किया, कालिदास, विशाखदत्त और भास के नाटक हमें लोगों और समाज के बारे में उपयोगी जानकारी देते हैं। कुछ ऐतिहासिक लेख भी थे। बाण ने 'हर्षचरित या हर्ष का जीवन लिखा। कल्हण की 'राजतरंगिणी' महान मूल्य का ऐतिहासिक ग्रंथ है।

(3) विदेशियों के खाते - प्राचीन काल से ही विदेशी भारत आते रहे हैं। उनमें से कुछ ने अपनी यात्रा या यात्राओं के मूल्यवान खाते छोड़े हैं। प्राचीन यूनानी और रोमन इतिहासकारों ने भी अपने ज्ञान और जानकारी से भारत के बारे में लिखा। ये सभी विदेशी लेखे इतिहास लिखने में उपयोगी सिद्ध होते हैं। यूनानियों पर चन्द्रगुप्त मौर्य की जीत के बारे में हमें ग्रीक खातों से पता चलता है। उसने अपने लेखन में उनका उल्लेख सैड्रोकोट्टस के रूप में किया हैं। यूनानी राजदूत मेगस्थनीज चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में रहा और उसने अपनी प्रसिद्ध कृति इंडिका लिखी। टॉलेमी के भूगोल जैसे कार्यों से, हम भारत के बंदरगाहों के बारे में जानते हैं। प्लिनी के कार्यों से हम रोम और भारत के बीच व्यापारिक सम्बन्धों के बारे में जानते हैं। इन लेखकों ने ईसाई युग की प्रारम्भिक शताब्दियों में लिखा था। चीनी यात्री फाह्यान ने शाही गुप्तों के समय के बहुमूल्य विवरण छोड़े। गहनी के महमूद के समय आये अलबरूनी ने स्वयं संस्कृत का अध्ययन किया था। 'हिन्द' पर उनके लेखन से उपयोगी जानकारी मिलती है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने हेतु उपयोगी स्रोतों का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों / लेखकों के विवरण की क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
  3. प्रश्न- पुरातत्व के विषय में बताइए। पुरातत्व के अन्य उप-विषयों व उसके उद्देश्य व सिद्धान्तों से अवगत कराइये।
  4. प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
  5. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में आप क्या जानते हैं?
  6. प्रश्न- भास की कृति "स्वप्नवासवदत्ता" पर एक लेख लिखिए।
  7. प्रश्न- 'फाह्यान पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  8. प्रश्न- दारा प्रथम तथा उसके तीन महत्वपूर्ण अभिलेख के विषय में बताइए।
  9. प्रश्न- आपके विषय का पूरा नाम क्या है? आपके इस प्रश्नपत्र का क्या नाम है?
  10. प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
  11. प्रश्न- शिलालेख, पुरातन के अध्ययन में किस प्रकार सहायक होते हैं?
  12. प्रश्न- न्यूमिजमाटिक्स की उपयोगिता को बताइए।
  13. प्रश्न- पुरातत्व स्मारक के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालिए
  14. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के विषय में आप क्या समझते हैं?
  15. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के सामाजिक व्यवस्था व आर्थिक जीवन का वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- सिन्धु नदी घाटी के समाज के धार्मिक व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
  17. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की राजनीतिक व्यवस्था एवं कला का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के नामकरण और उसके भौगोलिक विस्तार की विवेचना कीजिए।
  19. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता की नगर योजना का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  20. प्रश्न- हड़प्पा सभ्यता के नगरों के नगर- विन्यास पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
  21. प्रश्न- हड़प्पा संस्कृति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- सिन्धु घाटी के लोगों की शारीरिक विशेषताओं का संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिए।
  23. प्रश्न- पाषाण प्रौद्योगिकी पर टिप्पणी लिखिए।
  24. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के सामाजिक संगठन पर टिप्पणी कीजिए।
  25. प्रश्न- सिंधु सभ्यता के कला और धर्म पर टिप्पणी कीजिए।
  26. प्रश्न- सिंधु सभ्यता के व्यापार का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
  27. प्रश्न- सिंधु सभ्यता की लिपि पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  28. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता में शिवोपासना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  29. प्रश्न- सैन्धव धर्म में स्वस्तिक पूजा के विषय में बताइये।
  30. प्रश्न- ऋग्वैदिक अथवा पूर्व वैदिक काल की सभ्यता और संस्कृति के बारे में आप क्या जानते हैं?
  31. प्रश्न- विवाह संस्कार से सम्पादित कृतियों का वर्णन कीजिए तथा महत्व की व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- वैदिक काल के प्रमुख देवताओं का परिचय दीजिए।
  33. प्रश्न- ऋग्वेद में सोम देवता का महत्व बताइये।
  34. प्रश्न- वैदिक संस्कृति में इन्द्र के बारे में बताइये।
  35. प्रश्न- वेदों में संध्या एवं ऊषा के विषय में बताइये।
  36. प्रश्न- प्राचीन भारत में जल की पूजा के विषय में बताइये।
  37. प्रश्न- वरुण देवता का महत्व बताइए।
  38. प्रश्न- वैदिक काल में यज्ञ का महत्व बताइए।
  39. प्रश्न- पंच महायज्ञ' पर टिप्पणी लिखिए।
  40. प्रश्न- वैदिक देवता द्यौस और वरुण पर टिप्पणी लिखिए।
  41. प्रश्न- वैदिक यज्ञों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- वैदिक देवता इन्द्र के विषय में लिखिए।
  43. प्रश्न- वैदिक यज्ञों के सम्पादन में अग्नि के महत्त्व को व्याख्यायित कीजिए।
  44. प्रश्न- उत्तरवैदिक कालीन धार्मिक विश्वासों एवं कृत्यों के विषय में आप क्या जानते हैं?
  45. प्रश्न- वैदिक काल में प्रकृति पूजा पर एक टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- वैदिक संस्कृति की विशेषताएँ बताइये।
  47. प्रश्न- अश्वमेध पर एक टिप्पणी लिखिए।
  48. प्रश्न- आर्यों के आदिस्थान से सम्बन्धित विभिन्न मतों की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
  49. प्रश्न- ऋग्वैदिक काल में आर्यों के भौगोलिक ज्ञान का विवरण दीजिए।
  50. प्रश्न- आर्य कौन थे? उनके मूल निवास स्थान सम्बन्धी मतों की समीक्षा कीजिए।
  51. प्रश्न- वैदिक साहित्य से आपका क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख अंगों की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  52. प्रश्न- आर्य परम्पराओं एवं आर्यों के स्थानान्तरण को समझाइये।
  53. प्रश्न- वैदिक कालीन धार्मिक व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
  54. प्रश्न- ऋत की अवधारणा का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- वैदिक देवताओं पर एक विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
  56. प्रश्न- ऋग्वैदिक धर्म और देवताओं के विषय में लिखिए।
  57. प्रश्न- 'वेदांग' से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- वैदिक कालीन समाज पर प्रकाश डालिए।
  59. प्रश्न- उत्तर वैदिककालीन समाज में हुए परिवर्तनों की व्याख्या कीजिए।
  60. प्रश्न- उत्तर वैदिक काल में शासन प्रबन्ध का वर्णन कीजिए।
  61. प्रश्न- उत्तर वैदिक काल के शासन प्रबन्ध की रूपरेखा पर प्रकाश डालिए।
  62. प्रश्न- वैदिक कालीन आर्थिक जीवन का विवरण दीजिए।
  63. प्रश्न- वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य पर एक निबंध लिखिए।
  64. प्रश्न- वैदिक कालीन लोगों के कृषि जीवन का विवरण दीजिए।
  65. प्रश्न- वैदिक कालीन कृषि व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
  66. प्रश्न- ऋग्वैदिक काल के पशुपालन पर टिप्पणी लिखिए।
  67. प्रश्न- वैदिक आर्यों के संगठित क्रियाकलापों की विवेचना कीजिए।
  68. प्रश्न- आर्य की अवधारणा बताइए।
  69. प्रश्न- आर्य कौन थे? वे कब और कहाँ से भारत आए?
  70. प्रश्न- भारतीय संस्कृति में वेदों का महत्त्व बताइए।
  71. प्रश्न- यजुर्वेद पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  72. प्रश्न- ऋग्वेद पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  73. प्रश्न- वैदिक साहित्य में अरण्यकों के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
  74. प्रश्न- आर्य एवं डेन्यूब नदी पर टिप्पणी लिखिये।
  75. प्रश्न- क्या आर्य ध्रुवों के निवासी थे?
  76. प्रश्न- "आर्यों का मूल निवास स्थान मध्य एशिया था।" विवेचना कीजिए।
  77. प्रश्न- संहिता ग्रन्थ से आप क्या समझते हैं?
  78. प्रश्न- ऋग्वैदिक आर्यों के धार्मिक विश्वासों के बारे में आप क्या जानते हैं?
  79. प्रश्न- पणि से आपका क्या अभिप्राय है?
  80. प्रश्न- वैदिक कालीन कृषि पर टिप्पणी लिखिए।
  81. प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन उद्योग-धन्धों पर टिप्पणी लिखिए।
  82. प्रश्न- वैदिक काल में सिंचाई के साधनों एवं उपायों पर एक टिप्पणी लिखिए।
  83. प्रश्न- क्या वैदिक काल में समुद्री व्यापार होता था?
  84. प्रश्न- उत्तर वैदिक कालीन कृषि व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिए।
  85. प्रश्न- उत्तर वैदिक काल में प्रचलित उद्योग-धन्धों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए?
  86. प्रश्न- शतमान पर एक टिप्पणी लिखिए।
  87. प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य की विवेचना कीजिए।
  88. प्रश्न- भारत में लोहे की प्राचीनता पर प्रकाश डालिए।
  89. प्रश्न- ऋग्वैदिक आर्थिक जीवन पर टिप्पणी लिखिए।
  90. प्रश्न- वैदिककाल में लोहे के उपयोग की विवेचना कीजिए।
  91. प्रश्न- नौकायन पर टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- सिन्धु घाटी की सभ्यता के विशिष्ट तत्वों की विवेचना कीजिए।
  93. प्रश्न- सिन्धु घाटी के लोग कौन थे? उनकी सभ्यता का संस्थापन एवं विनाश कैसे.हुआ?
  94. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता की आर्थिक एवं धार्मिक दशा का वर्णन कीजिए।
  95. प्रश्न- वैदिक काल की आर्यों की सभ्यता के बारे में आप क्या जानते हैं?
  96. प्रश्न- वैदिक व सैंधव सभ्यता की समानताओं और असमानताओं का विश्लेषण कीजिए।
  97. प्रश्न- वैदिक कालीन सभा और समिति के विषय में आप क्या जानते हैं?
  98. प्रश्न- वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति का वर्णन कीजिए।
  99. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के कालक्रम का निर्धारण कीजिए।
  100. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के विस्तार की विवेचना कीजिए।
  101. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता का बाह्य जगत के साथ संपर्कों की समीक्षा कीजिए।
  102. प्रश्न- हड़प्पा से प्राप्त पुरातत्वों का वर्णन कीजिए।
  103. प्रश्न- हड़प्पा कालीन सभ्यता में मूर्तिकला के विकास का वर्णन कीजिए।
  104. प्रश्न- संस्कृति एवं सभ्यता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  105. प्रश्न- प्राग्हड़प्पा और हड़प्पा काल का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- प्राचीन काल के सामाजिक संगठन को किस प्रकार निर्धारित किया गया व क्यों?
  107. प्रश्न- जाति प्रथा की उत्पत्ति एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
  108. प्रश्न- वर्णाश्रम धर्म से आप क्या समझते हैं? इसकी मुख्य विशेषताएं बताइये।
  109. प्रश्न- संस्कार शब्द से आप क्या समझते हैं? उसका अर्थ एवं परिभाषा लिखते हुए संस्कारों का विस्तार तथा उनकी संख्या लिखिए।
  110. प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में संस्कारों के प्रयोजन पर अपने विचार संक्षेप में लिखिए।
  111. प्रश्न- प्राचीन भारत में विवाह के प्रकारों को बताइये।
  112. प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में नारी की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
  113. प्रश्न- वैष्णव धर्म के उद्गम के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  114. प्रश्न- महाकाव्यकालीन स्त्रियों की दशा पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  115. प्रश्न- पुरातत्व अध्ययन के स्रोतों को बताइए।
  116. प्रश्न- पुरातत्व साक्ष्य के विभिन्न स्रोतों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
  117. प्रश्न- पुरातत्वविद् की विशेषताओं से अवगत कराइये।
  118. प्रश्न- पुरातत्व के विषय में बताइए। पुरातत्व के अन्य उप-विषयों व उसके उद्देश्य व सिद्धान्तों से अवगत कराइये।
  119. प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
  120. प्रश्न- पुरातात्विक स्रोतों से प्राप्त जानकारी के लाभों से अवगत कराइये।
  121. प्रश्न- पुरातत्व को जानने व खोजने में प्राचीन पुस्तकों के योगदान को बताइए।
  122. प्रश्न- विदेशी (लेखक) यात्रियों के द्वारा प्राप्त पुरातत्व के स्रोतों का विवरण दीजिए।
  123. प्रश्न- पुरातत्व स्रोत में स्मारकों की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
  124. प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
  125. प्रश्न- शिलालेख, पुरातन के अध्ययन में किस प्रकार सहायक होते हैं?
  126. प्रश्न- न्यूमिजमाटिक्स की उपयोगिता को बताइए।
  127. प्रश्न- पुरातत्व स्मारक के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  128. प्रश्न- "सभ्यता का पालना" व "सभ्यता का उदय" से क्या तात्पर्य है?
  129. प्रश्न- विश्व में नदी घाटी सभ्यता के विकास पर प्रकाश डालिए।
  130. प्रश्न- चीनी सभ्यता के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  131. प्रश्न- जियाहू एवं उबैद काल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  132. प्रश्न- अकाडिनी साम्राज्य व नॉर्ट चिको सभ्यता के विषय में बताइए।
  133. प्रश्न- मिस्र और नील नदी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  134. प्रश्न- नदी घाटी सभ्यता के विकास को संक्षिप्त रूप से बताइए।
  135. प्रश्न- सभ्यता का प्रसार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  136. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के विस्तार के विषय में बताइए।
  137. प्रश्न- मेसोपोटामिया की सभ्यता पर प्रकाश डालिए।
  138. प्रश्न- सुमेरिया की सभ्यता कहाँ विकसित हुई? इस सभ्यता की सामाजिक संरचना पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालिए।
  139. प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता के भारतवर्ष से सम्पर्क की चर्चा कीजिए।
  140. प्रश्न- सुमेरियन समाज के आर्थिक जीवन के विषय में बताइये। यहाँ की कृषि, उद्योग-धन्धे, व्यापार एवं वाणिज्य की प्रगति का उल्लेख कीजिए।
  141. प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  142. प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की लिपि का विकासात्मक परिचय दीजिए।
  143. प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
  144. प्रश्न- प्राचीन सुमेरिया में राज्य की अर्थव्यवस्था पर किसका अधिकार था?
  145. प्रश्न- बेबीलोनिया की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता की सामाजिक.विशिष्टताओं का उल्लेख कीजिए।
  146. प्रश्न- बेबीलोनिया के लोगों की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन कीजिए।
  147. प्रश्न- बेबिलोनियन विधि संहिता की मुख्य धाराओं पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  148. प्रश्न- बेबीलोनिया की स्थापत्य कला पर प्रकाश डालिए।
  149. प्रश्न- बेबिलोनियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
  150. प्रश्न- असीरियन कौन थे? असीरिया की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख करते हुए बताइये कि यह समाज कितने वर्गों में विभक्त था?
  151. प्रश्न- असीरिया की धार्मिक मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए। असीरिया के लोगों ने कला एवं स्थापत्य के क्षेत्र में किस प्रकार प्रगति की? मूल्यांकन कीजिए।
  152. प्रश्न- प्रथम असीरियाई साम्राज्य की स्थापना कब और कैसे हुई?
  153. प्रश्न- "असीरिया की कला में धार्मिक कथावस्तु का अभाव है।' स्पष्ट कीजिए।
  154. प्रश्न- असीरियन सभ्यता के महत्व पर प्रकाश डालिए।
  155. प्रश्न- प्राचीन मिस्र की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? मिस्र का इतिहास जानने के प्रमुख साधन बताइये।
  156. प्रश्न- प्राचीन मिस्र का समाज कितने वर्गों में विभक्त था? यहाँ की सामाजिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  157. प्रश्न- मिस्र के निवासियों का आर्थिक जीवन किस प्रकार का था? विवेचना कीजिए।
  158. प्रश्न- मिस्रवासियों के धार्मिक जीवन का उल्लेख कीजिए।
  159. प्रश्न- मिस्र का समाज कितने भागों में विभक्त था? स्पष्ट कीजिए।
  160. प्रश्न- मिस्र की सभ्यता के पतन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  161. प्रश्न- चीन की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता के इतिहास के प्रमुख साधनों का उल्लेख करते हुए प्रमुख राजवंशों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  162. प्रश्न- प्राचीन चीन की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख कीजिए।
  163. प्रश्न- चीनी सभ्यता के भौगोलिक विस्तार का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  164. प्रश्न- चीन के फाचिया सम्प्रदाय के विषय में बताइये।
  165. प्रश्न- चिन राजवंश की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।

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